अनशन नहीं आन्दोलन की जरूरत है
क्या लोकपाल बनने से भ्र्स्टाचार दूर हो जाएगा- जनाब कतई नहीं
चुनाव आयुक्त श्री टी एन शेसन ने अपनी संवैधानिक शक्तियां इस्तेमाल कर चुनावों में व्याप्त अनेक कुरितियों पर शिकंजा कस दिया था। राजनेता घबड़ा गये थे। अगर सुप्रीम कोर्ट बिहार के चुनाव में श्री शेशन द्वारा जारी फ़रमान-no voter card no election को निरस्त न करता [ लालू की यचिका पर] तो और भी कुछ हो सकता था।मगर सभी कुछ तो corrupt नेताओं के हाथ है-उन्होने बाद में ्मुख्य चुनाव आयुक्त की शक्तियां हीं घटा दीं।
Cvc में श्री थामस की नियुक्ति देख लें
यह सभी बातें कह रहीं हैं कि लोक पाल भी कठपुतली बन जाएगा।
बर्लिन की दीवार, Egypt. अब libia and Syria की सरकारें जन आन्दोलन से बदलने जा रहीं हैं।
अत: श्री अना हज़ारे. राम देव या हम सब को मिलकर नगर लेवल पर corruption कि खिलाफ़ जन आंदोलन- धरना आदि देकर सरकारी कार्याल्यों में घूस देने वालों को रोकना चाहिये, ये छोटी घूस लाइसेंस बनवाने पर, रजिस्ट्री करवाने पर, राशन कार्ड आदि पर रोक दी गई अगर दो महीने के लिये भी तो जन आंदोलन सफ़ल हो जाएगा।
इन नेताओं को अपने स्मर्थकों के साथ ऐसा करने से आमजन इनके साथ आ खड़ा होगा
[ बारहा soft ware is not working properly so there are some typing mistakes-sorry for tha]
डॉ० श्याम सखा ‘श्याम’
संपादक मसि-कागद
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